स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस | जैव फफूंदनाशी

pseudomonas fluorescens जब इसे मिट्टी, पौधे या बीज के लिए उपयोग किया जाता है, तो बैक्टीरिया पौधे के जड़ क्षेत्र में जाता है और पौधों को विभिन्न प्रकार के फंगल रोगों से बचाने में मदद करता है। इसे रासायनिक फफूंदनाशी का पर्यावरण-अनुकूल विकल्प माना जाता है क्योंकि यह मनुष्यों, जानवरों और पर्यावरण के लिए सुरक्षित है।

 किन-किन रोगों पर काम करता है

  • लूज स्मट
  • झुलसा रोग
  • पत्ती धब्बा 
  • पाउडर रूपी फफूंदी
  • ब्लास्ट
  • डैम्पिंग ऑफ

 किन-किन फसलों के लिए उपयोगी है

  • गेहूं
  • टमाटर
  • धान
  • मूंगफली
  • मिर्च
  • कपास
  • अनाज दालें
  • फलों एवं सब्जियों

क्रिया का तरीका

जैव फफूंदनाशी(pseudomonas fluorescens) है जो फंगल रोगों को नियंत्रित करने का काम करता है।

बैक्टीरिया :

  1. ऐसे एंटीबायोटिक्स का उत्पादन करता है, जो फंगल रोगजनकों को मारता है।
    2. स्थान और पोषक तत्वों के लिए फंगल रोगजनकों के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।
    3. पौधों में सिस्टेमिक प्रतिरोध उत्पन्न करने के साथ रोग संक्रमण का विरोध करने में मदद करता है।

फफूंदनाशी के प्रमुख लाभ

जैव फफूंदनाशी के निम्नलिखित प्रमुख लाभ हैं:

  1. जड़ सड़न, मुरझाना, झुलसा और डैम्पिंग ऑफ सहित फंगल रोगों के ब्रॉड स्पेक्ट्रम को नियंत्रित करता है।
    2. पौधों को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद करके पौधों के विकास को बढ़ावा देता है।
    3. जैविक खेती में उपयोग के लिए सुरक्षित।
    4. लाभकारी रोगाणुओं के विकास को बढ़ावा देकर मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
pseudomonas fluorescens

डोज एवं उपयोग की विधि

स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस जैव फफूंदनाशी को मिट्टी, बीज या पौधे पर लगाया जाता है। फसल के आधार पर प्रयोग दर अलग-अलग होता है।

  • जड़ अनुप्रयोग के लिए : 4 मिली/ लीटर
  • मिट्टी अनुप्रयोग के लिए: 1-2 लीटर/ एकड़

उपयोग

  • बीज शोधन हेतु 10 ग्राम स्यूडोमोनास को 15-20 मि.ली. पानी में मिलाकर गाढ़ा घोल (स्लरी) तैयार करके एक किग्रा. बीज को उपचारित कर छाया में सुखाने के उपरान्त बुवाई करना चाहिए।
  • नर्सरी पौध उपचार हेतु 50 ग्राम स्यूडोमोनास को 1 लीटर पानी की दर से घोल (स्लरी) तैयार कर पौध उपचार अथवा एक वर्ग मी. क्षेत्रफल के क्यारियों में छिड़काव करना चाहिए जिससे भूमि जनित रोगों से बचाव किया जा सकता है।
  • भूमि शोधन हेतु 2.5 किग्रा. स्यूडोमोनास प्रति हेक्टेयर 10-20 किग्रा. महीन पिसी हुई बालू में मिलाकर बुवाई/रोपाई से पूर्व उर्वरकों की तरह छिड़काव करना लाभप्रद होता है। 2.5 किग्रा. स्यूडोमोनास को 100 किग्रा. गोबर की खाद में मिलाकर लगभग 5 दिन रखने के उपरान्त बुवाई से पूर्व भूमि में मिलाया जा सकता है।

kailash kumar Sewda
kailash kumar Sewda

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