Jaivik kitnashak ka vivaran benefits in hindi

organic farming रसायनिक कृषि रक्षा रसायनों के प्रयोग से जहाँ कीटों, रोगों एवं खरपतवारों में सहनशक्ति पैदा हो रही है और कीटों के प्राकृतिक शत्रु (मित्र कीट) प्रभावित हो रहे है, वहीं कीटनाशकों के अवशेष खाद्य पदार्थों मिट्टी, जल एवं वायु को प्रदूषित कर रहे है। रसायनिक कीटनाशकों के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए जैविक कीटनाशी/जैविक एजेन्ट एवं फेरोमोन प्रपंच का प्रयोग करना नितान्त आवश्यक है जिससे पर्यावरण प्रदूषण को कम कर मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा असर रोकने के साथ-साथ मित्र कीटों का भी संरक्षण होगा तथा विषमुक्त फसल, फल एवं सब्जियों का उत्पादन भी किया जा सकेगा।

जैविक कीटनाशी के लाभ

  1. जीवों एवं वनस्पतियों पर आधारित उत्पाद होने के कारण जैविक कीटनाशी भूमि में अपघटित हो जाते हैं तथा इनका कोई भी अंश अवशेष नहीं रहता है। यही कारण कि इन्हें पारिस्थितिकीय मित्र के रूप में जाना जाता है।
  2. जैविक कीटनाशी(organic farming) केवल लक्षित कीटों एवं रोगों को प्रभावित करते हैं जबकि रासायनिक कृषि रक्षा रसायनों से मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं।
  3. जैविक कीटनाशकों के प्रयोग से कीटों के स्वभाव में कोई परिवर्तन नहीं होता है। जबकि रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से कीटों के स्वाभाव में परिवर्तन होता है।
  4. जैविक कीटनाशकों के सुरक्षित हानि रहित एवं पारिस्थितिकीय मित्र होने के कारण विश्व में इनके प्रयोग से उत्पादित चाय, कपास, फल, सब्जियॉ, तम्बाकू, खाद्यान, दलहन एवं तिलहन की मांग एवं मूल्यों में वृद्धि हो रही है, जिससे कृषकों को उनके उत्पादों का अधिक मूल्य मिल रहा है

जैविक कीटनाशी (बायो-पेस्टीसाइड)organic farming

Naresh Sewda
Naresh Sewda

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