गेहूं की फसल की जानकारी

गेहूं की खेती करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं। यहां कुछ जानकारी दी गई है:

भूमि का चयन (Soil Selection): गेहूं की खेती के लिए मटियार दोमट भूमि सबसे उपयुक्त मानी जाती है। लेकिन अगर आपके पास अच्छी खाददानी और समतल भूमि है, तो वह भी उपयोगी हो सकती है1.
जलवायु और तापमान (Climate and Temperature): गेहूं रबी की फसल है, जिसे ठंड की मौसम में बोया जाता है। इसकी फसल अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर और जनवरी महीने में होती है1.
उन्नत किस्में (Improved Varieties): गेहूं की उन्नत किस्मों में “Lok-1” और “श्री राम सुपर 303” शामिल हैं। इनसे प्रति एकड़ 35-40 क्विंटल उत्पादन हो सकता है1.
बीजोपचार और उर्वरक प्रबंधन (Seed Treatment and Fertilizer Management): उचित बीजोपचार और उर्वरक का प्रयोग करें।
सिंचाई (Irrigation): गेहूं की सिंचाई को ध्यान से करें।
खरपतवार नियंत्रण (Weed Control): खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए उपाय करें

गेहूं की फसल में कुछ प्रमुख समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि पर्ण झुलसा, लूज स्मट, उकठा रोग, और गेरुआ रोग1। यहां कुछ रोगों की पहचान और निदान के उपाय हैं:

पर्ण झुलसा (Leaf Rust):
पहचान: पत्तियों पर नारंगी रंग की धारियां दिखाई देती हैं।
निदान: पत्तियों पर 0.1% प्रोपीकोनेजोल (टिल्ट 25 ईसी) का छिड़काव करें1।
लूज स्मट (Loose Smut):
पहचान: पूरी पौधों पर पीला पाउडर दिखाई देता है।
निदान: बीजों को थायोमेथॉक्साम (विटावॉक्स) से उपचार करें।
उकठा रोग (Karnal Bunt):
पहचान: गेहूं के दानों पर काले धब्बे दिखाई देते हैं।
निदान: बीजों को थायोमेथॉक्साम (विटावॉक्स) से उपचार करें।
गेरुआ रोग (Yellow Rust):
पहचान: पत्तियों पर पीले रंग की धारियां दिखाई देती हैं।
निदान: पत्तियों पर 0.1% प्रोपीकोनेजोल (टिल्ट 25 ईसी) का छिड़काव करें1।

गेहूं की खेती के लिए कुछ उन्नत किस्में हैं। यहां कुछ गेहूं की उन्नत किस्मों के नाम हैं:

UNNAT PBW 343 (यूनेट पीबीडब्ल्यू 343): यह किस्म सिंचित क्षेत्रों और समय पर रोपाई के लिए उपयुक्त है। इसकी पूरी फसल को पकने के लिए 155 दिन की आवश्यकता होती है।
यह किस्म जल जमाव, करनाल बंट के प्रतिरोधी है और ब्लाइट को भी सहने योग्य है। इसकी औसत पैदावार प्रति एकड़ 23.2 क्विंटल होती है 1.
अन्य उन्नत किस्में: गेहूं की अन्य उन्नत किस्मों में लोकवन, पुसा तेजस, HD 2967, और देसी गेहूं शामिल हैं।
उर्वरक के प्रकार (Types of Fertilizers): यूरिया, डीएपी, एमोनियम सल्फेट, एमोनियम नाइट्रेट, एमोनियम फॉस्फेट, और पोटैशियम सल्फेट जैसे उर्वरक का उपयोग करें।

Naresh Sewda
Naresh Sewda

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *